ओकरा को आम भाषा में लेडी फिंगर या भिंडी भी कहा जाता है. यह एक सुपरफूड है. 'ओकरा' शब्द का मतलब किसी पौधे का खाने योग्य सीडपॉड होता है, जो पादपों के हिबिस्कस या कॉटन वंश से संबंध रखता है. यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी भागों का एक लोकप्रिय भोजन है, प्राचीन भारतीय आयुर्वेद ग्रंथों में इसका उल्लेख है और अब तो आधुनिक विज्ञान भी इसके बहुत से स्वास्थ्य संबंधी लाभों को मान्यता देता है. भिंडी में प्रचुर मात्रा में B6, फाइबर और फोलेट पाए जाते हैं जो आपके भोजन को हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर बनाते हैं. भोजन में भिंडी को शामिल करने के कुछ अन्य लाभ यहां बताए गए हैं.
- भिंडी में प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट और फोलेट, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. भिंडी के सेवन से सूजन, हृदय रोग और कैंसर का जोखिम कम हो जाता है.
- भिंडी वज़न. को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है. इसका कैलोरी काउंट कम होता है, अर्थात इसमें प्रति 100 ग्राम मात्र 33 कैलोरी पाई जाती है, इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके शरीर के वज़न को बढ़ाए बिना सभी प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. इसके अलावा इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा पाई जाती है, सब्जियों में आमतौर पर ऐसा नहीं देखा जाता है, इसलिए यह बिना कैलोरी काउंट बढ़ाए बिना आपको उर्जा प्रदान करती है.
- भिंडी कई पोषक तत्वों और विटामिनों से भरपूर है, जिससे ऐक्टिव लाइफस्टाइल को बढ़ावा मिलता है. ऐसा माना जाता है कि यह कब्ज, डिप्रेशन, कोलेस्ट्रॉल और गले में दर्द जैसी समस्याओं के इलाज में मदद करती है. भिंडी के बीजों में पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनॉइड नामक पदार्थ होते हैं, जो थकान को कम करने में मदद करते हैं.
इन सभी लाभों के अलावा, हाल ही में वैज्ञानिकों ने भिंडी का एक दूसरा बड़ा लाभ खोजा है. क्योंकि इसमें बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए इसे डायबिटीज के मरीज़ों के लिए एक अच्छा भोजन माना जाता है. हालांकि, अभी डायबिटीज पर किया गया शोध शुरुआती चरण में है, लेकिन वैज्ञानिक इस सब्ज़ी को टाइप 1, टाइप 2 और गेस्टेशनल डायबिटीज वाले मरीज़ों के लिए एक बेहतर विकल्प मानते हैं. यहां पर कुछ कारण दिए गए हैं, जो यह बताते हैं कि क्यों भिंडी बेहतरीन भोजन है, अगर आप इस बीमारी के लिए सेवन करते हैंः डायबिटीज.
1 ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मददगार
डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का लेवल हाई होना काफी आम है. क्योंकि भिंडी में घुलनशील और अघुलनशील, दोनों प्रकार के फाइबर पाए जाते हैं, इसलिए इसके टूटने और पचने में अधिक समय लगता है, इसके कारण आपके खून में धीरे-धीरे और कम मात्रा में शुगर पहुंचता है. इससे डायबिटीज के मरीजों में ब्लड-शुगर लेवल में तेज बढ़ोत्तरी नहीं होती और ये सामान्य रेंज में बने रहते हैं.
2 कम स्टार्च वाला भोजन
भिंडी कम ग्लायसीमिक इंडेक्स वाला भोजन है. ग्लायसीमिक इंडेक्स, ब्लड शुगर लेवल में कार्बोहाइड्रेट के प्रभाव को दर्शाता है. क्योंकि भिंडी कम GI वाला भोजन है, इसलिए इसके प्रति 100 ग्राम वज़न में केवल 7.45 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए इसका मेटाबोलिज्म धीमा होता है और इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित भोजन माना जाता है.
3 विविध पकवान बनाए जा सकते हैं
खान-पान के मामलों में डायबिटीज के मरीजों को सामान्य व्यक्तियों की बजाय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि भिंडी को कई तरीकों से बनाया जा सकता है, इसलिए यह स्वाद से समझौता किए बिना उपयुक्त पोषण प्रदान कर सकती है.
जैसा कि पहले बताया गया है, भिंडी से विभिन्न स्वादिष्ट भोजन बनाया जा सकता है भारतीय घरों में इसे मसालेदार फ्राई सब्जी (भिंडी की सब्जी) के रूप में बनाया जाता है, जिसेचपाती के साथ खाया जाता है. लेकिन, इसे कच्चा, उबालकर, ग्रिल करके या फिर डिटॉक्स वॉटर में डालकर भी खाया जा सकता है. भिंडी को सब्जी के रूप में खाने से इसमें पड़ने वाले तेल के रूप में फैट और साथ में खाई जाने वाली चपातियों के रूप में कार्बोहाइड्रेट की अतिरिक्त मात्रा मिल जाती है, इससे बचने का एक नया तरीका भिंडी का पानी बनाना है. यहां पर एक आसान भिंडी की रेसिपी दी गई है जिसे आप पानी में डालकर बना सकते हैं:
- पांच मध्यम आकार की भिंडी लें और उन्हें अच्छी तरह से धो लें.
- इनके सिरे काट दें और अब बीच में चीरा लगा कर दो भागों में विभाजित कर दें.
- एक बर्तन में पानी लें, चीरी हुई भिंडी को इसमें डालें और रात भर भीगने दें
- अगले दिन इन भिंडियों को पानी में निचोड़ दें और बाहर निकाल लें.
- आपका भिंडी का पानी पीने के लिए तैयार है.
चाहे आपको डायबिटीज हो या न हो, भिंडी डायबिटीज के मरीजों के लिए भोजन की सूची. में शामिल होनी चाहिए. इस पौष्टिक सब्ज़ी का सेवन सुनिश्चित करें और लाभ लें, लेकिन अपने आहार में कोई महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले, कृपया अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें. हेल्थ और वेलनेस के बारे में अधिक टिप्स के लिए देखें Fitness और लाइफस्टाइल सेक्शन, ऐक्टिव लिविंग ब्लॉग के तहत.
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