श्रावण का पवित्र महीना वर्ष 2021 के अगस्त माह में पड़ता है. भगवान शिव की पूजा को समर्पित इस माह का हिन्दू समाज में बहुत आध्यात्मिक महत्व है, इस माह के सोमवार को 'महादेव' का दिन माना जाता है और आस्थावान लोग इस दिन भोजन नहीं करते हैं. हालांकि, अगर , जब हो श्रावण 2021के दौरान उपवास करते हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा.
इनके बारे में जानें:
- लोग श्रावण मास में उपवास क्यों करते हैं?
- श्रावण सोमवार के व्रत के क्या लाभ हैं?
- श्रावण मास के दौरान किसे उपवास नहीं करना चाहिए?
लोग श्रावण मास में उपवास क्यों करते हैं?
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास के दौरान सोमवार का उपवास करने से समृद्धि आती है. हिंदू परंपरा के रूप में इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिर्लिंग पर फल और धन अर्पित किया जाता है.
जानें फायदे श्रावण सोमवार व्रत?
श्रावण के इस महीने में उपवास करने का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी हैं. उपवास को एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर माना जाता है, जो मौसम बदलने से होने वाली समस्याओं से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाता है. इसके अलावा उपवास पाचन प्रणाली के लिए भी लाभप्रद होता है. श्रावण का महीना अक्सर मानसून के दिनों में आता है, इसलिए इस दौरान उपवास करने से शरीर बदलते मौसम के लिए बेहतर तरीके से अनुकूलित हो पाता है और शरीर में बीमारियों के प्रति प्रतिरोध शक्ति विकसित होती है.
किसे श्रावण मास के दौरान उपवास नहीं करना चाहिए?
हालांकि उपवास करने के बहुत से लाभ हैं, फिर भी कुछ लोगों को श्रावण के दौरान उपवास. से बचना चाहिए. भोजन न करना हर किसी के लिए अच्छा नहीं होता है, खासतौर पर तब जब आप किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हों. यहां पर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं की सूची दी गई है, यदि आप इनसे पीड़ित हैं, तो आपको श्रावण में सोमवार का व्रत नहीं करना चाहिए.
- डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों को उपवास की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे हाइपोग्लाइसेमिया और हाइपरग्लाइसेमिया हो सकता है. बहुत से अध्ययनों से पता चला है कि ऐसा करने से टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले मरीजों में ब्लड-शुगर के स्तर, में अचानक कमी आ सकती है या बढ़ोत्तरी हो सकती है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. लेकिन फिर भी आप श्रावण मास, के दौरान उपवास करना चाहते हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह लेकर ही ऐसा करना चाहिए.
- ईटिंग डिसऑर्डर
एनोरेक्सिया और बुलिमिया जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को श्रावण में उपवास नहीं करना चाहिए. इस प्रकार के लोगों में उपवास के कारण थकान, हार्मोन के स्तरों में उतार-चढ़ाव, माहवारी में समस्या और भोजन संबंधी चिंता जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है. गंभीर मामलों में, इससे स्टार्विंग या खाना खाते ही उल्टी होने जैसी समस्याएं आ सकती हैं.
- गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं
गर्भावस्था की अवधि के दौरान, गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी और पोषक तत्व लेने की सलाह दी जाती है. उपवास के कारण पोषण प्रभावित हो सकता है. कई अध्ययनों ने यह पता चला है कि जब गर्भवती माता उपवास करती है, तो भ्रूण को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं, दोनों में उपवास के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया और डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक होता है और यह स्तन के दूध के उत्पादन और भ्रूण के एम्नियोटिक फ्लूइड के लेवल को प्रभावित कर सकता है. इस प्रकार, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए निम्न उपवास से बचना सबसे अच्छा हैः श्रावण सोमवार व्रत.
ऊपर बताई गई स्थितियों के अलावा यदि आप किसी गंभीर चोट या सर्जरी से उबर रहे हैं या फिर किसी स्वास्थ्य समस्या के लिए दवाएं ले रहे हैं, तो आपको उपवास करने से बचना चाहिए, ऐसी स्थितियों में उपवास करने से आपकी रिकवरी में देरी हो सकती है. अपनी डाइट में कोई भी बड़ा परिवर्तन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, अगर आप उपवास कर रहे हैं इस महीने मेंः श्रावण मास. स्वस्थ जीवन जीने से संबंधित अधिक सुझावों के लिए यहां जाएंः सचेतन और फिटनेस सेक्शन, ऐक्टिव लिविंग ब्लॉग के तहत.