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एलर्जिक अस्थमा से संबंधित 4 मिथक क्या हैं और आप उनकी सच्चाई कैसे जान सकते हैं?

विश्व अस्थमा दिन हर वर्ष 3 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अस्थमा के बारे में जागरूकता लाना है ताकि सांस से संबंधित इस क्रॉनिक बीमारी को नियंत्रित किया जा सके. 

इनके बारे में जानें:

अस्थमाक्या है?

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अस्थमा एक ऐसी समस्या है, जिसमें किसी व्यक्ति के वायुमार्ग सूज और सिकुड़ जाते हैं. वायुमार्ग की परत फूल जाती है, जिससे पर्याप्त रूप से हवा का प्रवाह नहीं हो पाता है अस्थमा के रोगी बचाव के लिए इनहेलर का इस्तेमाल करते हैं, के दौरान, आपका शरीर अतिरिक्त बलगम या कफ का निर्माण करता है, जो वायुमार्ग को जाम कर देता है, जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. अस्थमा की बीमारी या तो मामूली या इतनी गंभीर हो सकती है कि आपका दैनिक जीवन भी इससे प्रभावित हो सकता है.

एलर्जिक अस्थमा क्या है?

एलर्जिक अस्थमा है एक सांस लेना वाली समस्या है, जिसमें सांस के दौरान वायुमार्ग में एलर्जी पैदा करने वाली कोई चीज़ अंदर अटक जाती है. एलर्जिक अस्थमा है सबसे सामान्य प्रकार का अस्थमा – यानी वह स्थिति जिसमें अस्थमा और एलर्जी साथ-साथ होते हैं. लक्षणों की बात करें, तो अस्थमा लक्षण में मुख्य रूप से घरघराहट (व्हीज़), खांसी, सांस लेने में परेशानी और सीने में जकड़न शामिल हैं, आपमें सर्दी और आंखों में जलन जैसे सामान्य एलर्जी के लक्षण भी हो सकते हैं. 

किन एलर्जी वाली चीज़ों से हो सकता है अस्थमा?

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धूल के कण, पराग (पॉलन), पशुओं की रूसी (बाल, पंख, या त्वचा से) या मोल्ड स्पोर जैसे एलर्जी कारक फेफड़ों में गहरी सांस लेने पर एलर्जिक रिएक्शन का कारण बनते हैं. अगर एलर्जिक अस्थमाइन एलर्जी के कारणों से नहीं होता है, तो भी ये अस्थमा के दौरे का कारण बन सकते हैं. अन्य कारक हैं प्रदूषण, केमिकल की तेज़ गंध या धुंआ, परफ्यूम की तेज़ खूशबू, सुगंधित मोमबत्ती, एयर फ्रेशनर, तंबाकू या धूप-अगरबत्ती का धुंआ, ठंडी हवा और ठंडी हवा में एक्सरसाइज़ करना.

एलर्जिक अस्थमा से जुड़े 4 मिथक

कुछ मिथक हैं, जो एलर्जिक अस्थमा. से जुड़े हैं, उन मिथकों को दूर करने और सही जानकारी पाने के लिए आगे पढ़ें.

मिथ 1: साधारण जांच से पकड़ में आ सकता है एलर्जिक अस्थमा.

गलत. अगर आप एलर्जिक अस्थमा का पता लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए कई चरणों के प्रोसेस का पालन करना होगा, जिनमें अस्थमा और एलर्जी की अलग-अलग जांच की जाती है. आपके डॉक्टर कुछ पल्मोनरी या सांस लेना से संबंधित जांच करने पर भी विचार कर सकते हैं ताकि पता चल सके कि आपको है या नहीं अस्थमा. एलर्जी जांच से निष्कर्ष नहीं निकलता. एलर्जी में ओवरलैप का मतलब है कि एक प्रकार की एलर्जी होने के कारण आपको संभावित रूप से हो सकती है अन्य प्रकार की एलर्जी, जिसके कारण उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

मिथक 2: एलर्जिक अस्थमा वर्ष में केवल एक बार होता है.

गलत. एलर्जिक अस्थमा वर्ष में एक बार होने वाली मौसमी बीमारी नहीं है. आपको विशेष रूप से शुष्क दिनों या तेज़ हवाओं वाले दिनों के दौरान बाहर कम समय बिताने की सलाह दी जाती है. अपने आसपास के वातावरण और बदलती मौसमी स्थितियों के आधार पर, आवश्यक सावधानियां बरतें. अपनी लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म दवाओं को नियमित रूप से लें क्योंकि इनसे रुक सकता है एलर्जिक अस्थमा.

मिथक 3: एलर्जिक अस्थमा गंभीर नहीं होता है.

गलत. आप अपने ऊपर पड़ने वाले एलर्जिक अस्थमा के प्रभाव को कम नहीं आंक सकते हैं. यह एलर्जिक अस्थमा, कुछ लोगों को वायरल इन्फेक्शन (जैसे निमोनिया) के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है. अगर लंबे समय से आप में है क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन और क्रॉनिक अस्थमा, तो इससे फेफड़ों को गंभीर नुकसान हो सकता है. 

मिथक 4: एलर्जी और अस्थमा का इलाज संभव है.

गलत. इस समय कोई भी ऐसा अनुकूल इलाज उपलब्ध नहीं है, जिससे ठीक हो सकते हैं अस्थमा और एलर्जी. इम्यूनोथेरेपी या एलर्जी शॉट से प्रभावी तरीके से ठीक हो सकती है आपकी एलर्जी. हालांकि, हर व्यक्ति को इस इलाज से फायदा नहीं होता. एमरजेंसी की स्थितियों में तुरंत राहत पाने के लिए अपने रेस्क्यू इन्हेलर को अपने पास रखें.

आप चेक कर सकते हैं कि आपका अस्थमा सुरक्षित रूप से नियंत्रण में है या नहीं, इसके लिए आपको बस कुछ प्रश्नों के उत्तर देने होंगे. प्रश्नों के लिए देखें हमारी अस्थमा नियंत्रण प्रश्नावली. पाएं अधिक जानकारी यहांः पोषण या फिटनेस, ऐक्टिव लिविंग पेज पर बने रहें.