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सिस्टिक फाइब्रोसिस से संबंधित डायबिटीज क्या है? इसका इलाज कैसे किया जा सकता है?

डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है जो तब होती है, जब अनियमित हो जाते हैं ब्लड ग्लूकोज़ लेवल. ऐसे लोग जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस है, उन्हें हो सकती है टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज. सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज असामान्य ग्लूकोज मेटाबोलिज्म के कारण होती है, जिसे आमतौर पर कहते हैं इंसुलिन की कमी या समय-समय पर होने वाला इंसुलिन रेजिस्टेंस.

इनके बारे में जानें:

Insulin Resistance_Activ Living Community

इंसुलिन की कमी तब होती है, जब पैन्क्रियाज नहीं बना पाता है पर्याप्त इंसुलिन. इसके उलट, इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है, जब शरीर की कोशिकाएं पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं इंसुलिन. इसलिए, ज़्यादा इंसुलिन की आवश्यकता होती है, भोजन को ब्रेक-डाउन करने और ब्लड शुगर का लेवल सामान्य बनाए रखने के लिए. इसके अलावा इंसुलिन प्रतिरोध का एक अन्य कारण स्टेरॉयड जैसी दवाएं हैं, जो उन मरीज़ों को दी जाती हैं, जिन्हें होता है सिस्टिक फाइब्रोसिस.

सिस्टिक फाइब्रोसिस क्या है?

Cystic Fibrosis_Activ Living Community

सिस्टिक फाइब्रोसिस एक आनुवांशिक बीमारी है जो कुछ लोगों में जन्म से होती है. यह बीमारी माता-पिता द्वारा दोषपूर्ण CFTR (सिस्टिक फाइब्रोसिस ट्रांसमेम्ब्रेन रेगुलेटर) जीन की वजह से होती है. ऐसे लोग जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस है, उनके शरीर में मोटा और चिपचिपा बलगम बनता है. इस बलगम के फेफड़ों और अन्य अंगों में जमने पर सांस लेने की दिक्कतें, फेफड़ों में इन्फेक्शन की परेशानी होती है, और साथ ही होती है पाचन समस्या. इसलिए, सलाह दी जाती है कि ऐसे मरीज़ जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस है और उनकी उम्र 10 साल या उससे ज़्यादा है, तो उन्हें साल में एक बार सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज की जांच करानी चाहिए.

सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज चिपचिपे बलगम की वजह से होती है, जिससे पैन्क्रियाज पर ज़ख्म और सूजन हो जाते हैं. इससे उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, जो बनाती हैं इंसुलिन. क्योंकि, पैन्क्रियाज नहीं बना पाता है पर्याप्त इंसुलिन, ब्लड शुगर का लेवल इसलिए बढ़ने लगता है.

Lung Infection_Activ Living Community

कुछ सामान्य लक्षण सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज के निम्न हैं:

  • सीने में इन्फेक्शन और फेफड़ों के काम करने की क्षमता में कमी
  • ज़्यादा प्यास लगना, जिसका कारण है अधिक ब्लड शुगर लेवल, जिसे हाइपरग्लाईसीमिया कहते हैं
  • बहुत अधिक पेशाब आना
  • वज़न घटना
  • थकान

अगर इन लक्षणों पर समय से ध्यान नहीं दिया जाए तो, ये डायबिटीज संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जिससे आपकी देखने, चलने और हृदय के काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.

सिस्टिक फाइब्रोसिस से संबंधित डायबिटीज का इलाज

Diabetes_Activ Living Community

अगर सिस्टिक फाइब्रोसिस-संबंधित डायबिटीज का पता जल्दी ही चल जाता है, तो शुरुआती इलाज फेफड़ों में आने वाली दिक्कतों को कम कर देता है. इस प्रकार के डायबिटीज का पता ग्लूकोज़ पर लगातार नज़र रखने या एक ओरल ग्लूकोज़ टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) के माध्यम से लगाया जा सकता है. OGTT टेस्ट को 8 घंटों के उपवास के बाद किया जाता है. इलाज के अन्य रूप में आप कैलोरी और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार का सेवन कर सकते हैं. इंसुलिन थेरेपी बेहतर ग्लाइसेमिक कंट्रोल, फेफड़ों की कार्यक्षमता में वृद्धि और वज़न बढ़ाने के लिए एक स्टैंडर्ड इलाज है. अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में फिज़िकल एक्टिविटी को शामिल करके लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं.

सिस्टिक फाइब्रोसिस जीवन भर रहने वाली बीमारी है, जिसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है और इलाज होने लायक स्थिति में रखा जा सकता है. अगर आप में पाया जाता है सिस्टिक फाइब्रोसिस, तो आवश्यक है कि आप डायबिटीज की भी जांच हर थोड़े समय के बाद कराते रहें. अगर आप चेक करना चाहते हैं अपना ब्लड शुगर लेवल, तो आप इस्तेमाल कर सकते हैं हमारा ऑनलाइन खून ग्लूकोज़ कैलकुलेटर.

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