प्रत्येक एक्सरसाइज़ में कई मसल्स का इस्तेमाल होता है. सिंगल मसल की एक्सरसाइज़ करने से मसल्स असंतुलित और बेडौल हो सकते हैं, इसलिए इसके बजाय एक सुडौल बॉडी पाने के लिए इन 6 मसल ग्रुप्स की एक्सरसाइज़ करें. ये छः प्रमुख मसल ग्रुप्स हैं - छाती, पीठ, बाजू, कंधे, पैर और काव्स. मसल ग्रुप का मतलब उन मसल्स से है, जो एक ही जगह पर होते हैं और शरीर को समान गतिविधियां करने में मदद करते हैं.
इनके बारे में जानें:
कम्पाउंड और आइसोलेशन एक्सरसाइज़ के बीच अंतर
छोटे मसल्स की तुलना में बड़े मसल ग्रुप्स की एक्सरसाइज़ करने से बेहतर हो सकती है आपकी फिटनेस यात्रा. बड़े मसल्स शरीर की प्रमुख गतिविधियों में मदद करते हैं और छोटे या सूक्ष्म मसल्स को एक्टिवेट करते हैं. अच्छे मसल्स पाने के लिए कम्पाउंड और आइसोलेशन एक्सरसाइज़ के बीच अंतर जानना ज़रूरी है. कम्पाउंड एक्सरसाइज़ में बड़े मसल ग्रुप पर काम किया जाता है, जिससे आपको मिल सकती है अधिकतम शक्ति, व आप बर्न कर सकते हैं कैलोरीज़. साथ ही इससे आपकी फ्लेक्सिबिलिटी, समन्वय और बैलेंस में भी सुधार होता है. स्टैंडर्ड कम्पाउंड वर्कआउट में डेडलिफ्ट, बेंच प्रेस, स्क्वाट, डिप्स और इसी तरह की अन्य एक्सरसाइज़ शामिल हैं. इससे शरीर आइसोलेशन एक्सरसाइज़ के लिए तैयार होता है, जो छोटे मसल ग्रुप्स पर आधारित होती हैं. कुछ आइसोलेशन एक्सरसाइज़ में बाइसेप कर्ल्स, काफ रेज, चेस्ट फ्लाई और लेग एक्सटेंशन शामिल हैं.
आपके शरीर के 6 बिग मसल ग्रुप्स के लिए एक्सरसाइज़
यहां कुछ ऐसे एक्सरसाइज़ बताए गए हैं, जिन्हें करके आप अपने 6 बिग मसल ग्रुप्स को बेहतर बना सकते हैं और फिट रह सकते हैं इन वर्कआउट को जिम में एक ट्रेनर की देखरेख में और अपनी सुविधा के लिए उचित इक्विपमेंट के साथ करें.
- सही और उभरी हुई छाती पाने के लिए आप बेंच प्रेस वर्कआउट पर ध्यान दे सकते हैं. बेंच प्रेस एक वेट-ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ है, जिसमें आप एक बेंच पर लेट कर, अपने पैरों को ज़मीन पर रखकर अपने कन्धों के सहारे वज़न उठाते हैं.
- डेडलिफ्ट पीठ के लिए सबसे प्रभावी एक्सरसाइज़ है. यह वेट-ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ है, जिसमें एक बारबेल को ज़मीन से उठाकर अपने हिप्स के लेवल तक लाया जाता है और धड़ को ज़मीन के लम्बवत (एकदम सीधा) रखा जाता है. डेडलिफ्ट आपकी रीढ़ के आसपास के स्थिर मसल्स को एक्टिवेट करता है और आपकी पीठ को मज़बूत बनाता है.
- ओवरहेड प्रेस एक वेट-प्रशिक्षण एक्सरसाइज़ है, जिसे आप बैठकर या खड़े होकर कंधे के अगले भाग के डेल्टॉइड मसल्स को बनाने के लिए कर सकते है. बारबेल को अपने सिर के ऊपर उठाते समय ध्यान दें कि आपकी पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए.
- बारबेल बाइसेप कर्ल्स, बाइसेप्स में मसल मास को बढ़ाते हैं. अपने पैरों के बीच अपने कंधों जितनी दूरी बना कर खड़े हो जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें. अपने हाथों में एक बारबेल लें, इसे कंधों तक लाते समय सांस खींचें और नीचे ले जाते समय सांस छोड़ें.
- वॉकिंग लंज आपकी टांगों के लिए प्रभावी वर्क आउट है. इससे स्ट्रेंथ और मसल्स बनते हैं. अपनी पीठ को सीधा रखें, कंधों को रिलैक्स करें और बाजुओं को अपनी तरफ रखें. अपने एक पैर को आगे बढ़ाएं और अपने हिप्स को इतना नीचे ले जाएं कि आपके घुटने 90-डिग्री का कोण बनाने लगें. आप इस वर्क आउट को डम्बल के साथ भी कर सकते हैं. सुनिश्चित करें कि आपका अगला घुटना आपके टखने के ऊपर हो और उससे आगे नहीं हो, जबकि दूसरा घुटना ज़मीन को स्पर्श कर रहा हो.
- कूदने वाली रस्सी से एक्सरसाइज़ करके आप अपने काव्स को मज़बूत बना सकते हैं. यह आपके पूरे शरीर और काव्स पर काम करती है, जो नियमित वेट-ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ में नहीं हो पाता है. आप इस वर्कआउट को कई अन्य तरीकों से भी कर सकते हैं.
ऊपरी और निचले शरीर के मसल ग्रुप्स का वर्कआउट बारी-बारी से करें, ताकि उन्हें आराम और रिकवरी का समय मिल सके. अगर आप किसी भी एक्सरसाइज़/गतिविधि को करते समय सही महसूस नहीं कर रहे हैं, तो उसे तुरंत रोक दें. अपने आप पर दबाव न डालें. सिर्फ वही एक्सरसाइज़ करें जिन्हें आप आराम से कर सकते हैं और जो आपकी मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार हो.
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