Water-Borne Diseases In Monsoon_Activ Living Community

मानसून के मौसम में पानी से पैदा होने वाली बीमारियों को रोकने के क्या तरीके हैं?

Unclean Water_Activ Living Community

आपका दिल करता है खाएं पुचका या पकौड़े जिसका कारण है मानसून का मौसम? अपने आप को रोकें. बारिश के मौसम में तरह-तरह के चटखारेदार भोजन का मज़ा लेने के साथ-साथ आप ऐसी बीमारियों से नहीं बच सकते, जिन्हें मानसून का मौसम अपने साथ लाता है.

इनके बारे में जानें:

पानी से होने वाले रोगों के प्रकार
हवा में मौजूद ज़्यादा नमी की वजह से बहुत से नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्मजीव पनपते हैं, जो बीमारी को फैलाते हैं. जब यही बैक्टीरिया पीने के पानी के संपर्क में आते है, तो पानी दूषित हो जाता है और ऐसे पानी को पीने से कई बीमारियां, जैसे- हैजा, टाइफाइड, डायरिया, पेचिश, आंतों और त्वचा से संंबधित बीमारियां हो सकती हैं.

  • हैजा पानी के कारण होने वाली एक आम बीमारी है, जिसमें बैक्टीरिया स्ट्रेन (विब्रियो कॉलेरा बैक्टीरिया) पाचन तंत्र में आ जाता है. इसके लक्षणों में अत्यधिक दस्त और उल्टी शामिल हैं, जिसकी वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का असंतुलन, मांसपेशियों में ऐंठन और डिहाइड्रेशन हो जाता है.

Typhoid_Activ Living Community

  • एस. टाइफी बैक्टीरिया के कारण होने वाला टाइफाइड, साफ-सफाई न रखने और बिन ढके भोजन के अलावा दूषित पानी के सेवन से होता है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, पेट में दर्द, गले में खराश और जोड़ों में दर्द शामिल हैं.
  • मानसून के मौसम में सूजन, एसिडिटी, मितली, कब्ज, फूड पॉइज़निंग, दस्त और आंतों की सूजन की दिक्कतें आम देखने को मिलती हैं. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन खुले, बासी या दूषित भोजन और पानी का उपयोग करने के कारण होता है.
  • माइक्रोबियल और परजीवी संक्रमण से आंतों में सूजन आ जाती है, जिससे पेचिश होती है.
  • Hepatitis A is another disease that is transmitted through contaminated water and food. It can vary from mild to severe illness, which can also affect the liver. It carries symptoms such as fever, fatigue, yellow eyes, dark-colored urine, and tenderness in the stomach.

इस बीमारी के होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करने, बताए गए एंटीबायोटिक्स लेने, ढेर सारा पानी पीने और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जाती है.

पानी से पैदा होने वाली बीमारियों को रोकने के तरीके

पानी से पैदा होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए आप बहुत से रोकथाम के तरीके अपना सकते हैं. यहां कुछ सावधानियां बताई गई हैं, जिनकी मदद से आप अपने पाचन तंत्र को इस मानसून के मौसम में स्वस्थ रख सकते हैं:

  • पहला, खाना खाने के पहले और खाने के बाद अपने हाथों को अच्छे से धोएं.
  • इस मौसम में आपका पाचनतंत्र सुस्त हो जाता है और धीमी गति से काम करता है, क्योंकि सड़क किनारे का भोजन आपके शरीर के तापमान को प्रभावित करता है. इसलिए, मानसून में सड़क किनारे खाने-पीने की चीज़ों से बचें, क्योंकि सड़क किनारे लगे फूड स्टॉल के आस-पास भरे पानी में कीड़े आसानी से पनपते हैं. तले हुए, मसालेदार, सड़क किनारे का खाना खाने से बचना सबसे अच्छा है, क्योंकि खुले में रखा खाना आसानी से मक्खियों और धूल के सम्पर्क में आ जाता है, जिससे बहुत सी बीमारियां हो सकती हैं.
  • सभी खाने की चीज़ों को खाने से पहले अच्छे से धो लें, खास तौर पर उन सब्ज़ियों को ज़रूर धोएं, जिन्हें कच्चा खाया जाता है.
  • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ तरल पदार्थ पीते रहें. आप उबला हुआ पानी भी पी सकते हैं, ताकि अशुद्धता नहीं रहे. गंदी और असुरक्षित जगहों से पानी पीने से बचें.
  • मौसमी सब्जियां ज़्यादा खाएं, क्योंकि इसमें शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले सोडियम, तेल और फैट्स नहीं होते, जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
  • सुरक्षित करें अपनी गट हेल्थ प्रोबायोटिक के साथ, जैसे योगर्ट, दही, छाछ और सब्ज़ियों से बने अचार, जिससे आपका पाचन तंत्र सही से काम करे.
  • ढक्कन वाले बर्तनों और साफ बोतलों में पीने का पानी स्टोर करें.
  • अपने आस-पास की जगह को साफ-सुथरा रखें. यह सुनिश्चित करें कि आपके घर के आस-पास पानी इकट्ठा न होने पाए.

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