ये कलरफुल डाइट आपके भोजन को अधिक स्वादिष्ट और सेहतमंद बना सकती है. फल और सब्ज़ियों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स नाम का एक पदार्थ पाया जाता है, जो उन्हें एक गहरा रंग, खास टेस्ट और एक खास खुशबू देता है. बीटा-कैरोटीन पौधों में पाया जाने वाला इसी तरह का एक पिगमेंट है जिसकी वजह से फल और सब्ज़ियों का लाल, नारंगी और पीला रंग होता है.
इनके बारे में जानें:
जब बीटा-कैरोटीन का सेवन किया जाता है, तो शरीर इसे विटामिन A में बदल देता है. यह विटामिन दो तरह का होता है: पहला -ऐक्टिव विटामिन A (रेटिनॉल), जो जानवरों से मिलने वाले फूड्स (दूध, मांस आदि) से मिलता है और दूसरा -बीटा-कैरोटीन, जो मुख्य रूप से पौधों से मिलता है और यह शरीर में पहुंचने के बाद रेटिनॉल में बदल जाता है.
बीटा-कैरोटीन के क्या फायदे हैं?
बीटा-कैरोटीन के कुछ फायदे इस तरह हैं:
- विटामिन A शरीर की कोशिकाओं के विकास और आंखों की रोशनी के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है और यह सेहतमंद बनाए रखता है शरीर के अंगों को, जैसे- हृदय, किडनी, और फेफड़े. बीटा-कैरोटीन रतौंधी और आंखों में होने वाले सूखेपन की समस्या को रोकता है. इनसे आयु से संबंधित मैकुलर डीजनरेशन (AMD) में कमी आ सकती है (आंखों की समस्या, जो 50 की आयु वर्ग के लोगों में धुंधली दृष्टि का कारण बनती है).
- बीटा-कैरोटीन एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो मज़बूत बनाता है आपके इम्यून सिस्टम को और हृदय रोगों और कैंसर के जोखिमों को कम करता है.
- If unstable molecules called free radicals increase in the body, they cause an imbalance, leading to cellular and tissue damage, known as oxidative stress. This oxidative stress may factor into health conditions such as inflammatory diseases, diabetes, cancer, and other infectious diseases. Antioxidants like beta-carotene reduce these free radicals.
- विटामिन A गर्भावस्था और स्तनपान कराते समय ली जाने वाली डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह भ्रूण और नवजात शिशु की सेहत और विकास के लिए आवश्यक है.
- इससे संज्ञानात्मक व्यवहार और याददाश्त में भी सुधार आ सकता है और यह संज्ञानात्मक व्यवहार और समस्याओं में कमी, जैसे डिमेंशिया के जोखिम को कम और धीमा कर सकता है, इसके अलावा यह अल्ज़ाइमर के लक्षणों को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है.
- ओरल ल्यूकोप्लाकिया की बीमारी वाले लोगों को जीभ, मसूड़ों या गालों के अंदर सफेद घाव हो जाते हैं. बीटा-कैरोटीन इस बीमारी के इलाज में मदद करता है.
- विटामिन A फेफड़ों के सही से काम करने के लिए भी आवश्यक है और यह फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को भी कम करता है.
बीटा-कैरोटीन से भरपूर फूड्स
कई लाल, पीले और नारंगी रंग के फूड्स में बीटा-कैरोटीन होता है, यहां तक कि हरे रंग के फूड्स में भी यह भरपूर होता है. फूड्स का रंग जितना गहरा होगा, बीटा-कैरोटीन उसमें उतना ही ज़्यादा होगा. बीटा-कैरोटीन से भरपूर उन फूड्स के बारे में जानें, जिन्हें आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं.
- गाजर (कैरोटीन लैटिन शब्द 'कैरोटा' से आया है, जिसका अर्थ है गाजर)
- कद्दू
- शकरकंद
- पालक
- आम
- चकोतरा
- ब्रोकोली
- प्याज
- मटर
- बेर
- काली मिर्च
- लेटस के पत्ते
- टमाटर
- जड़ी-बूटियां और मसाले - अजवायन, लाल शिमला मिर्च पाउडर, मिर्च पाउडर, अजमोद
ध्यान दें कि ज़्यादा विटामिन A का सेवन करना नुकसानदेह हो सकता है. उदाहरण के लिए, फेफड़ों में कैंसर होने की संभावना उन लोगों में ज़्यादा होती है, जो धूम्रपान करते हैं और ज़्यादा बीटा-कैरोटीन का सेवन करते हैं. इसलिए, अपने स्वास्थ्य की पूरी देखभाल करने के लिए धूम्रपान से बचें.
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