सितंबर के पहले सप्ताह में मनाया जाता है राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, जिसका उद्देश्य है लोगों में आहार संबंधी अच्छी आदतों के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को पोषक तत्वों से भरपूर, स्वस्थ व संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित करना.
इनके बारे में जानें:
हालांकि एक्सरसाइज़ करते रहें और सेहतमंद रहें, लेकिन, इसके साथ अगर आप एक पोषक आहार भी लेते हैं तो आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. साथ ही, कुछ ऐसी भोजन की आदतें हैं, और छोटे-छोटे बदलाव हैं, जिनकी मदद से आपको एक बेहतर जीवन जीने में मदद मिल सकती है.
अधिकतम पोषण के लिए भोजन संबंधी आदतें
हम जैसा खाते हैं, वैसे ही बन जाते हैं. तो आइए देखें कुछ ऐसी भोजन संबंधी आदतें, जिनसे हमें बेहतर पोषण प्राप्त हो सकता है.
- अपनी प्लेट में मौजूद खाने की मात्रा और प्रकार पर नज़र रखें. बड़ी प्लेट में खाने की मात्रा कम लगती है, और छोटी प्लेट में उतना ही खाना ज़्यादा लगता है. इसके अलावा, सीधा पैकेट से खाने की बजाय प्लेट में डालकर खाना खाएं, इससे मात्रा पर ध्यान रहेगा और आप ज़्यादा खाने से बच सकते हैं.
- कैलोरीज़ का ध्यान करने के लिए, एक ही सर्विंग लें और मानक मात्राओं में खाने की कोशिश करें.
- हाफ प्लेट रूल का पालन करें: अपनी आधी प्लेट में परोसें एक कलरफूल रेनबो डाइट, जिसमें शामिल हों फल, सब्जियां और सलाद, जो आपके भोजन को बनाएं और भी मज़ेदार. बची हुई आधी प्लेट में अपनी पसंद का कोई भी खाना परोसें.
- अपने खाने को समय लेकर, ठीक से चबाएं. धीरे-धीरे खाने से वजन नियंत्रित रहता है और दिमाग को यह समझने का समय मिलता है कि कब आपका पेट भर गया है.
- अगर आपको भूख लगे, तो तले हुए या चीनी से भरे स्नैक्स खाने की बजाय, कुछ सेहतमंद स्नैक्स चुनें जैसे मखाने, अंजीर, बीज, पॉपकॉर्न, फल, दही, स्मूदी, बिना नमक वाले ड्राई फ्रूट या मुनक्के.
- इन 3 सफेद तत्वों से बचें: चीनी, नमक और आटा. जब इनमें से किसी को भी बड़ी मात्रा में खाया जाता है, तो इनसे हो सकता है मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, और हाई ब्लड प्रेशर.
- भूख और प्यास के बीच भ्रम से बचने के लिए, रोज़ 6-8 ग्लास पानी पीएं और हाइड्रेटेड रहें. मीठी और फिज़ युक्त सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचें, क्योंकि इनमें बहुत कैलोरीज़ भी होती हैं, और ये आपके दांतों के लिए भी खराब होती हैं. इसके अलावा, फलों का जूस पीने के बजाय, फल खाएं. फलों में होते हैं, भारी मात्रा में पानी, फाइबर, प्लांट कंपाउंड, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, और पोषक तत्व. जब हम फल खाते हैं, तो इनमें मौजूद प्राकृतिक मिठास व शर्करा को हमारा शरीर धीरे-धीरे पचाता है, जिससे ब्लड शुगर एकदम से नहीं बढ़ती.
- खाना खाने में देरी न करें या किसी भी मील को छोड़ें नहीं. अपने भोजन और स्नैक्स के लिए समय निर्धारित करें. जब भी आप भूख का समय पर इलाज नहीं करते, तो बाद में इसकी भरपाई करने के लिए, तले हुए या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्नैक्स या ज़्यादा खाना खा बैठते हैं.
- खाना खाते समय अपनी सभी इंद्रियों का उपयोग करें. टीवी देखने या सोशल मीडिया पर स्क्रोल करके ध्यान बटाने के बजाय, भोजन के समय अपना पूरा ध्यान खाने पर केंद्रित करें.
- जंक फूड ऑर्डर करने के बजाय नियमित रूप से घर का बना खाना खाएं. आप हर हफ्ते एक नई हेल्दी रेसिपी भी आज़माने की कोशिश कर सकते हैं.
- किसी भी आधुनिक फैड डाइट पर न जाएं. अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट से परामर्श करें, और अपने आहार में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी न होने दें.
- अपने डिनर और सोने के समय के बीच पर्याप्त अंतर रखने की कोशिश करें. भरे पेट सोने से वज़न बढ़ सकता है.
स्वास्थ्य के लिए अच्छा पोषण एक मूल अधिकार है. अब समय आ गया है कि लोग स्वास्थ्य की देखभाल में पोषण को भी महत्त्व दें.
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