सुस्त लाइफस्टाइल हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बनती जा रही है. ऐसे में लोग पूरे दिन किसी गतिविधि में संलग्न होने के बजाय निष्क्रिय रूप से बैठकर अच्छा खासा समय बर्बाद कर देते हैं.
इनके बारे में जानें:
सुस्त लाइफस्टाइल के नकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
A sedentary lifestyle and physical inactivity are directly proportional to the rise of obesity, diabetes, high blood pressure, lipid disorders, metabolic syndrome (marked by elevated plasma glucose, blood pressure, and waist circumference), and cardiovascular diseases. It can also impact your mental health, causing depression or anxiety.
शिथिलता के कारण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और फैट को तोड़ने की शरीर की क्षमता कम हो सकती है. लंबे समय तक बैठने से शरीर के मेटाबोलिज्म में बदलाव हो सकता है, जिसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस शामिल है, जिसके कारण होता है डायबिटीज मेलिटस. सुस्त गतिविधियों के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं: निष्क्रिय (नॉन-कॉन्ट्रैक्टिंग) मांसपेशियों के साथ लंबे समय तक टीवी देखना, सोशल मीडिया स्क्रॉल करना या बैठे या लेटे हुए टीवी देखना और साथ-साथ स्नैक्स या भोजन लेना (जिससे भोजन का समय बढ़ जाता है), लंबे समय तक एक ही स्थान पर बने रहना, या भोजन के तुरंत बाद सो जाना.
डायबिटीज वाले लोग ऐक्टिव कैसे रह सकते हैं?
शारीरिक गतिविधि को बढ़ाकर और स्वस्थ आहार लेकर डायबिटीज मेलिटस और अन्य गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है. यहां कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे आप सुस्त लाइफस्टाइल को छोड़ सकते हैं, ऐक्टिव रह सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:
- तेज़-तेज़ 30-60 मिनट तक चलने की कोशिश करें, जिससे आपका इम्यून सिस्टम बेहतर हो सकता है और सांसों से संबंधित रोगों के जोखिम कम हो सकते हैं. आप हर बार भोजन करने के बाद थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर, स्टेशन से जल्दी-जल्दी उतरकर और चलते हुए घर वापस आकर, या एलिवेटर के बजाय सीढ़ियों का उपयोग करके ऐसा कर सकते हैं.
- एक्सरसाइज़ रोज़ करें और थोड़ी तेज़ शारीरिक गतिविधियां करके लंबे समय तक बैठने की अपनी आदत को बदलें.
- High-intensity interval training (HIIT) promotes a rapid enhancement of skeletal muscle oxidative capacity and glycemic control in adults with type 2 diabetes.
- जबकि रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से शरीर शक्तिशाली बन सकता है और शारीरिक रचना और मांसपेशियों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है, वहीं यह टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में एक्सरसाइज़ की वजह से होने वाले हाइपोग्लाइसेमिया के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है.
- एरोबिक्स ट्रेनिंग से इन्सुलिन सेंसिटिविटी, ऑक्सीडेटिव एंजाइम और फेफड़ों के काम बेहतर हो सकते हैं.
- जिन वृद्ध लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है, उनको अक्सर जोड़ों की सीमित गतिशीलता जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है, जो कुछ हद तक एडवांस्ड ग्लाइकेशन के अंतिम उत्पादों (उम्र बढ़ने और बढ़ी हुई हाइपरग्लाइसेमिया के दौरान संचित) के बनने की वजह से होती है. स्ट्रेचिंग, फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस एक्सरसाइज़ से जोड़ों के आसपास की गतिविधियों की रेंज को बढ़ाया जा सकता है.
- मुख्य बात यह है कि जितना संभव हो उतना टहलें और एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे न रहें. आप अपने ऑफिस सेट-अप में भी खुद को ऐक्टिव रख सकते हैं. इसके लिए आप बैठ कर मीटिंग करने के बजाय स्टैंडिंग मीटिंग कर सकते हैं, काम करने के लिए स्टैंडिंग डेस्क ले सकते हैं, ब्रेक के दौरान ऑफिस की बिल्डिंग का चक्कर लगा सकते हैं या फोन पर बात करते समय चल-फिर सकते हैं.
- घर के कामों में हाथ बटाएं और ऐक्टिव आदतों को जीवन में शामिल करें.
Dieting and staying active not only help you lose weight but also boosts your immunity and metabolism. Try to maintain a healthy weight to keep diabetes at bay. You can calculate your body mass index (BMI) on the online BMI Calculator.
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