Anti-cancer_Activ Living Community

What Are The 5 Nutrition Related Myths For Cancer Every Cancer Patient Should Know?

कैंसर के रोगियों के संपूर्ण स्वास्थ्य में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन दुर्भाग्यवश, जब भी कैंसर के साथ भोजन की बात की जाती है, तो कई मिथक सामने आते हैं.

इनके बारे में जानें:

कैंसर से जुड़े पोषण संबंधी मिथक क्या हैं?
कैंसर से जुड़े पोषण संबंधी मिथकों की सच्चाई जानें:

Cancer-Related Nutrition Myths_Activ Living Community

मिथक 1: शुगर कैंसर की कोशिकाओं के लिए भोजन का काम करता है.

तथ्य: सभी कोशिकाएं, चाहे वे कैंसर से ग्रस्त हों या नहीं हों, ऊर्जा के लिए शुगर का उपयोग करती हैं. शुगर स्वाभाविक रूप से फलों, सब्जियों, शहद, दूध और अनाज में पाया जाता है. क्योंकि कैंसर की कोशिकाएं तेज़ी से बढ़ती हैं, इसलिए वे अधिक शुगर का उपयोग करती हैं. ऐसा नहीं है कि शुगर युक्त भोजन करने से कैंसर की कोशिकाएं तेज़ी से बढ़ती हैं, और शुगर युक्त भोजन न करने से आपके शरीर में कैंसर बढ़ने की गति धीमी हो जाती है. आपका शरीर यह निर्धारित नहीं करता है कि कौन सी कोशिकाओं को ग्लूकोज मिले और किसे नहीं मिले. अगर आप पर्याप्त स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट नहीं खाते हैं, तो शरीर ग्लूकोज के काम करने के लिए अन्य स्रोतों, जैसे फैट और प्रोटीन का उपयोग करता है.

स्वीट्स, डेज़र्ट, कार्बोनेटेड ड्रिंक में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स और केक, कुकीज़ और बिस्किट सहित प्रोसेस्ड फूड जैसे शुगरी युक्त फूड से बचें. ऐसे फूड में शुगर की बढ़ी मात्रा से ब्लड शुगर की मात्रा, असंतुलित हो सकता है, जो वज़न बढ़ने और खराब पोषण का कारण बनता है, जो कुछ कैंसरों के लिए संभावित जोखिम के कारक हो सकते हैं. इसके बजाय, साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों खाएं, क्योंकि इनमें हेल्दी शुगर होता है, जो कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट में बदल जाता है.

मिथक 2: ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों को सोया खाने से बचना चाहिए.

तथ्य: इन कंपाउंड का सब-ग्रुप (आइसोफ्लेवोन्स के नाम से जाना जाता है) कुछ-कुछ फीमेल सेक्स हॉर्मोन्स एस्ट्रोजेन की तरह काम करता है. इससे इस विचार को बढ़ावा मिला है कि सोया युक्त भोजन करने से हार्मोन के लेवल में बाधा पहुंचती है और यह बढ़ाता है जोखिम कि हो सकता है स्तन कैंसर.

सोयाबीन एक प्रकार की फली है, जिसे आप ऐसे ही खा सकते हैं या दूध और टोफू जैसे भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. सोया आटा और प्रोटीन का उपयोग कई प्रकार के फूड में भी किया जाता है, जिनमें ब्रेड, नाश्ते में खाए जाने वाले अनाज और एनर्जी बार शामिल हैं. यह पौधों से मिलने वाला फाइबर, आयरन, प्रोटीन और हेल्दी फैट का बहुत अच्छा स्रोत है. सच यह है कि सोया के सेवन से कम होता है जोखिम, ताकि न हो कैंसर.

मिथक 3: कैंसर वाले रोगियों को केवल ऑर्गेनिक फूड खाना चाहिए.

तथ्य: फल और सब्जियों में कैंसर-से बचाव के गुण होते हैं. ऑर्गेनिक और नॉन-ऑर्गेनिक दोनों, प्रोडक्ट में समान रूप से विटामिन, फाइबर्स, और मिनरल्स होते हैं. एकमात्र अंतर यह है कि ऑर्गेनिक फूड कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाए जाते हैं. साथ ही, नॉन-ऑर्गेनिक फूड को भी अच्छी तरह से धोकर डाइट में शामिल किया जा सकता है.

मिथक 4: दूध और मांस में मौजूद हार्मोन के कारण कैंसर होता है.

तथ्य: सभी मनुष्यों, जानवरों और पौधों में हार्मोन स्वाभाविक रूप से होते हैं. कोई भी डेयरी या मीट प्रोडक्ट हार्मोन-फ्री नहीं हैं. मीट प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और हेल्दी डाइट के रूप में शामिल किया जा सकता है. प्रोसेस्ड और रेड मीट का सेवन कम करें, और चिकन या फिश और मीट के विकल्प, जैसे टोफू, फलियां और नट्स चुनें.

मिथक 5: आप 'सुपरफूड' से कैंसर की रोकथाम कर सकते हैं.’

तथ्य: अनार, ब्लूबेरी और ग्रीन टी जैसे भोजन 'सुपरफूड' माने जाते हैं.’ इन्हें अपने डाइट में शामिल करना बेहतर होगा, लेकिन इन पर पूरी तरह से भरोसा न करें. फलियों (बीन्स या दाल), फलों और सब्जियों के साथ संतुलित आहार और साबुत अनाज आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं.

गलत जानकारी के कारण लोग अपने आहार में हानिकारक बदलाव कर सकते हैं. स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें और पोषण से संबंधित किसी भी तरह की सलाह पाएं.

ऐक्टिव लिविंग कम्युनिटी में ऐक्टिव रहें और निम्न विषयों की विस्तृत जानकारी पाएः फिटनेस और लाइफस्टाइल.

डॉ. कुणाल

डॉ. कुणाल त्बिलिसी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, जॉर्जिया से 2009 बैच के मेडिकल डॉक्टर हैं. उन्होंने IIHMR यूनिवर्सिटी, जयपुर (बैच 2020-2022) से हॉस्पिटल और हेल्थ मैनेजमेंट में अपना एमबीए पूरा किया है.