सितंबर के महीने में मनाया जाता है ब्लड कैंसर जागरूकता माह, जहां इस बीमारी से पीड़ित रोगियों के प्रति जागरूकता और समर्थन को बढ़ावा दिया जाता है. सभी प्रकार के ब्लड कैंसरों में, ल्यूकीमिया, लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा, भारतीय जनसंख्या को प्रभावित करने वाले तीन सबसे आम प्रकार हैं.
इनके बारे में जानें:
खून कैंसर हमारी रक्त कोशिकाओं को खतरे में डालता है. ये कोशिकाएं हमें ऊर्जा देती हैं, संक्रमण से लड़ने में हमारी मदद करती हैं, और अत्यधिक रक्तस्राव की रोकथाम करती हैं. ब्लड कैंसर हमारे शरीर की कोशिका उत्पादन प्रक्रिया और संचालन को प्रभावित करता है. अधिकांश ब्लड कैंसर अस्थिमज्जा में शुरू होते हैं. यहीं स्टेम सेल्स का उत्पादन होता है, जो आगे जाकर लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) और प्लेटलेट बनती हैं.
जब DNA में बदलाव होते हैं, तो ये आपकी कोशिकाओं को नए निर्देश देते हैं, जिसके कारण आपका शरीर असामान्य रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है, जो सामान्य कोशिकाओं की तुलना में ज़्यादा तेज़ी से विकसित होती हैं. इसके कारण, सामान्य रक्त कोशिकाएं असामान्य कोशिकाओं से हारने लगती हैं, जो अस्थिमज्जा में ज़्यादा स्थान लेने लगती हैं. समय के साथ, अस्थिमज्जा में सामान्य कोशिकाओं का उत्पादन बहुत कम हो जाता है, जिससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता, ऑक्सीजन का प्रवाह और ब्लीडिंग को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो जाते हैं.
ब्लड कैंसर के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
Here are the different types of blood cancer:
- ल्यूकीमिया – ल्यूकीमिया सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है. WBC के असामान्य व तेज़ उत्पादन से, शरीर द्वारा संक्रमणों से लड़ने की क्षमता और अस्थिमज्जा द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं व प्लेटलेट का उत्पादन करने की क्षमता कम हो जाते हैं.
- लिम्फोमा – लिम्फोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है जो लिम्फेटिक सिस्टम (लसिका-प्रणाली) को प्रभावित करता है. लिम्फोसाइट वे सफेद रक्त कोशिकाएं हैं जो संक्रमण से लड़ती हैं. ये असामान्य लिम्फोसाइट, लिम्फोमा कोशिकाएं बन जाती हैं जो विकसित होकर टिश्यू में इकट्ठा हो जाती हैं. लिम्फोमा के दो प्रकार हैं - हॉजकिन'स और नॉन-हॉजकिन'स लिम्फोमा. हॉजकिन'स लिम्फोमा बी-सेल को प्रभावित करता है और मुख्य रूप से किशोरावस्था या बुजुर्गों में होता है. नॉन-हॉजकिन'स बी-सेल और टी-सेल को प्रभावित करता है (ये किसी भी जीव में अनुकूली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए ज़िम्मेदार, इम्यून सिस्टम की सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं).
- मायलोमा – मायलोमा प्लाज़्मा कोशिकाओं का कैंसर है, जो एंटीबॉडी की कार्यक्षमता और उत्पादन को प्रभावित करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है.
ब्लड कैंसर के लक्षण
कुछ लक्षण, ब्लड कैंसर के निम्न हैं:
- बिना वजह के वज़न घटना
- बिना वजह घाव होना या खून आना
- गांठ या सूजन
- सोते वक्त बहुत ज़्यादा पसीना आना
- सांस फूलना
- हड्डियों, जोड़ों या पेट में दर्द
ब्लड कैंसर को कई डायग्नोस्टिक तरीकों और क्लीनिकल मूल्यांकन के उपयोग से डायग्नोज़ किया जा सकता है, जैसे ब्लड टेस्ट, अस्थिमज्जा का टेस्ट, कार्योटाइपिंग और मॉलिक्यूलर एनालिसिस. चिकित्सा के क्षेत्र में भारी विकास के कारण, ब्लड कैंसर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है.
ब्लड कैंसर का इलाज
कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन यह जानना ज़रूरी है कि किस प्रकार का ब्लड कैंसर आपके पास है.
- अस्थिमज्जा का ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां नष्ट हुई अस्थिमज्जा को बदला जाता है. कैंसरयुक्त कोशिकाओं को शरीर से निकालकर स्वस्थ स्टेम-सेल्स को शरीर में डाला जाता है.
- कीमोथेरेपी इलाज में मरीज़ के शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को मारने के लिए कुछ केमिकल का उपयोग किया जाता है. कुछ रोगियों में, कीमोथेरेपी के साथ स्टेम सेल ट्रांसप्लांट भी किया जाता है.
- रेडिएशन थेरेपी शरीर के प्रभावित क्षेत्रों में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई-एनर्जी बीम्स का उपयोग करती है. यह उपचार लिम्फोमा के रोगियों के लिए लाभदायक होता है.
- इम्यूनोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करके, ब्लड कैंसर से लड़ने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम का उपयोग करती है.
This Blood Cancer Awareness Month, take the necessary steps to lead a healthy lifestyle and prevent the risk of lifestyle conditions. Stay active in the Activ Living Community to find more details on fitness and mindfulness.