पूरे विश्व में 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, और इस दिन कार्डियोवैस्कुलर रोगों, उनके चेतावनी संकेतों और इन रोगों की रोकथाम करने के तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है. युवाओं में हृदय संबंधी रोग काफी बढ़ गए हैं. यह वृद्धि विभिन्न कारकों के कारण हुई है, और अब समय आ गया है कि हम अपने दिन की बात सुनें #AbSunoDilKi.
इनके बारे में जानें:
- युवाओं में कार्डियोवैस्कुलर रोगों का जोखिम बढ़ाने वाले कारक
- स्ट्रोक के आम लक्षण
- युवाओं में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के तरीके
युवाओं में कार्डियोवैस्कुलर रोगों का जोखिम बढ़ाने वाले कारक
हाल ही के समय में, एक सुस्त लाइफस्टाइल ने लोगों में गंभीर बीमारियों का जोखिम बहुत बढ़ा दिया है. ये कारक, युवाओं में हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं:
- स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाना कार्डियोवैस्कुलर रोगों का कारण बन सकता है, जिससे हो सकता है लो-डेंसिटी लाइपोप्रोटीन, या बैड कोलेस्ट्रॉल. व्यायाम न करना और ज़्यादा देर तक एक ही जगह बैठे रहना भी, हृदय रोग का एक संभावित कारण है.
- Smoking tobacco is harmful to health. It damages blood vessels and is one of the leading causes of heart disease.
- Being under constant stress at a young age has resulted in high cholesterol, triglycerides, hypertension, blood sugar, and blood pressure among the youth. High cortisol (stress hormone) levels Undergoing significant physical exertion without preparation or severe biological stressors at a young age causes exertion on the heart. This leads to the formation of clots near the heart, leading to a stroke or heart attack at a tender age.
- कई बच्चे खाते हैं, भारी मात्रा में जंक फूड जिसमें सोडियम (नमक) की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. अगर आपके आहार में ज़्यादा ट्रांस फैट्स, सैचुरेटेड फैट्स, चीनी, और प्रोसेस्ड फूड हो, तो इनसे कार्डियोवैस्कुलर रोगों का जोखिम बहुत बढ़ जाता है.
- अधिक मात्रा में मीठा खाने से से हो सकती है डायबिटीज. खून में बढ़ती शर्करा, उन रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है, जो हृदय की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं.
- जिमिंग करने और वेट-लिफ्टिंग करने से पहले हेल्थ चेक-अप न करवाना, युवाओं के लिए हानिकारक हो सकता है. क्रॉस-ट्रेनिंग, कठिन ट्रेडमिल वर्कआउट या सप्लीमेंट लेने से आपके दिल पर असर हो सकता है, जिससे एरिथमिया (अनियमित धड़कन) हो सकता है.
स्ट्रोक के आम लक्षण
स्ट्रोक के कुछ सबसे आम लक्षण हैं:
- चेहरे, बांह या टांगों में कमज़ोरी या सुन्नपन.
- चक्कर आना या बेहोश होना.
- सांस फूलना.
- ठंडे पसीने आना और रंग पीला पड़ना.
- भ्रम या बोलने में कठिनाई.
- बिना किसी वजह के तेज़ सिरदर्द.
- दोनों आंखों से देखने में कठिनाई.
- छाती के बीच में दर्द या तकलीफ.
- बांहों, बाएं कंधे, कोहनी, जबड़े या पीठ में दर्द या तकलीफ.
दुर्भाग्य से, कई युवा इन जोखिम कारकों को गंभीरता से नहीं लेते.
युवाओं में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के तरीके
एक स्वस्थ लाइफस्टाइल, आपको कार्डियोवैस्कुलर व अन्य गंभीर बीमारियों से बचा सकता है, जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, और हाइपरग्लाइसीमिया. मौलिक रोकथाम के उपाय, हृदय रोग के जोखिम को कम करने में बहुत मददगार हो सकते हैं. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए ज़रूरी है जिनके परिवार में कार्डियोवैस्कुलर रोग का इतिहास हो.
- सबसे महत्वपूर्ण बात, हर आयु में नियमित रूप से हार्ट चेक-अप करवाएं.
- अपने सुस्त लाइफस्टाइल की आदतें बदलें और एक ऐक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं. कोई खेल खेलना या व्यायाम करना शुरू करें जो आपको चुस्त रखे.
- एक्सरसाइज़ या रोज़ योग करें, जब आप किसी तनावपूर्ण परिस्थितिसे गुज़र रहे हों.
- अपनी लिपिड की मात्रा पर नज़र रखें.
- Get 7-8 hours of adequate sleep.
- सिगरेट व शराब से दूर रहें.
- साथ ही, अपने भोजन में नमक, चीनी, तले हुए या तेलयुक्त खानों की मात्रा को कम करें. इसके बजाय ज्यादा फल, सब्जियां, दालें, अनाज और फाइबर युक्त खाने खाएं.
- जोखिम कारकों को बढ़ाने वाली सामाजिक और पर्यावरणीय स्थितियों को बदलने की कोशिश करें.
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