Cancer Awareness_Activ Living Community

Try These 7 Lifestyle Changes To Fight Lung Cancer

Lung cancer is a form of cancer that starts in tissues of the lung, in the cells that line your air passages. It has been found that almost 5.9% of all cancer cases are lung cancer, making it a fatal illness. There are two main types of lung cancer; non-small cell lung cancer and small cell lung cancer. In this blog, we’ll help you with some tips that you can incorporate to manage the effects of lung cancer.

 

इनके बारे में जानें:

 

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

विभिन्न प्रकार के कैंसर में, फेफड़ों का कैंसर, सबसे खराब क्रॉनिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से धूम्रपान और सेकेंडरी स्मोकिंग के कारण होती है. फेफड़ों में कैंसर के कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होते. जब बीमारी बहुत बढ़ जाती है, तभी लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे:

 

  • लंबे समय तक चलने वाली खांसी
  • खांसी में खून आना
  • सीने में दर्द
  • सांस फूलना
  • आवाज़ बैठना या गला खराब होना
  • हड्डी में दर्द
  • सिरदर्द
  • बिना वजह वज़न कम होना

 

फेफड़ों के कैंसर के प्रकार

Lung Health_Activ Living Community

फेफड़ों के कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:

 

नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC): NSCLC के मुख्य उप-प्रकार हैं:

 

  1. एडीनोकार्सिनोमा: यह कैंसर उन कोशिकाओं में शुरू होता है जो आमतौर पर मवाद बनाती हैं. यह मुख्य रूप से उन लोगों में होता है जो धूम्रपान करते हैं या पहले कभी करते थे.
  2. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: यह कैंसर स्क्वैमस कोशिकाओं में शुरू होता है, जो फेफड़ों के वायुमार्ग के अंदर की लाइनिंग करने वाली चपटी कोशिकाएं होती हैं. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, धूम्रपान करने से जुड़ा हुआ है, और ब्रोंकस के पास फेफड़ों के मध्य भाग में होता है.
  3. लार्ज सेल (अनडिफरेंशियेटेड) कार्सिनोमा: यह कैंसर सबसे ज़्यादा तेज़ी से फैलता है, और फेफड़ों के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जिससे इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है.

 

स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) तेज़ी से बढ़ता है लेकिन इसपर कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का अच्छा असर होता है.

Stop Smoking_Activ Living Community

अधिकांश मामलों में धूम्रपान के कारण ही होता है कैंसर. सेकेंड हैंड स्मोकिंग या पर्यावरण में मौजूद तंबाकू का धुंआ भी कैंसर पैदा करने के जोखिम को बढ़ा सकता है. साथ ही, कार्यस्थल में कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आना भी फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है, जिसमें शामिल हैं यूरेनियम जैसे रेडियोएक्टिव अयस्क, डीजल एग्जॉस्ट और आर्सेनिक, कोयला उत्पाद या क्रोमियम कंपाउंड जैसे केमिकल.

 

फेफड़ों के कैंसर से लड़ने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव

 

यह बहुत ज़रूरी है कि आप एहतियात बरतें और जोखिम घटाएं, फेफड़ों के कैंसर या किसी अन्य प्रकार के कैंसर का.

 

  • धूम्रपान से फेफड़ों में जलन हो सकती है और उत्तकों के स्वस्थ होने की गति धीमी हो सकती है. इसलिए धूम्रपान छोड़ें, तब शरीर खुद को ठीक करना शुरू करेगा. इससे आपका इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है और आपको कैंसर से लड़ने और ठीक होने में मदद मिलती है.

 

  • Even if you don’t smoke, passive smoking or secondhand smoke also puts you at a higher risk of lung cancer. Whether you’re inhaling smoke from the burning end of a cigarette or the smoke exhaled by a smoker, you are exposed to the same toxic chemicals as smokers. Here are some ways to avoid passive smoking:
    • Establish a no-smoking rule inside your home
    • Encourage your workplace to adopt a smoke-free policy
    • Avoid designated smoking zones at work and in public places
    • Pick smoke-free restaurants, hotels, entertainment venues and transportation
    • Request smokers to smoke away from you
    • Use high-quality air purifiers to help reduce smoke particles in the air

 

  • फेफड़ों का कैंसर सांस लेने, चलने-फिरने, बोलने और निगलने में समस्याएं पैदा कर सकता है. लेकिन, ऑक्सीजन थेरेपी और स्पीच थेरेपी जैसी सहायक चिकित्साएं, आपको इलाज में मदद कर सकती हैं.

 

  • शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए ऐक्टिव रहें. हलकी-फुलकी एक्सरसाइज़ भी सुधार सकती है आपकी समग्र फिटनेस और आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बना सकती है.

 

  • आहार को सेहतमंद बनाएं. लें एक संतुलित आहार जिसमें हो फलों और सब्जियों की प्रचुर मात्रा, प्रोटीन, सेहतमंद फैट्स और अनाज. उचित पोषण उत्तकों के स्वस्थ होने में और एनर्जी देने में बहुत मदद करता है.

 

  • संक्रमण के जोखिम को कम करें. इस बीमारी से लड़ते समय, शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे आम संक्रमण भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे सर्दी और ज़ुकाम. इसलिए, स्वच्छता का पालन करें. विशेष रूप से खाने के पहले और बाद में, अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं. विशेष रूप से फ्लू सीज़न के दौरान भीड़ से दूर रहें, और सतहों या वस्तुओं को छूने के बाद आंखों, मुंह और नाक को न छुएं.

 

  • नियमित रूप से चेकअप करवाएं.

 

  • इस बीमारी का सामना करते समय, अपने परिवार, दोस्तों, देखभाल करने वालों और सपोर्ट ग्रुप्स की सहायता लें.

 

Stay tuned to the Activ Living Community. Keep up to date with the latest health tips and trends through expert videos, podcasts, articles, and much more on पोषण, फिटनेस, सचेतन, और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां like Asthma, Blood Pressure, Cholesterol, and Diabetes. Activ Living ke saath sahi sehat ki shuruat ABHI karo.

 

You may also be interested in the following blogs:

 

Popular Searches

How to lower blood pressure | Fruits good for liver | Unhealthy foods | रागी के लाभ  | बेसल मेटाबोलिक रेट | हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट्स | Ayurvedic medicine for blood pressure | How to control cholesterol at home | Homeopathy for AsthmaBiological Age | Home remedies for TB | Natural beta blockers | Negative effects of internet | Types of walking | ब्लड प्रेशर कैलकुलेटर | ब्लड शुगर कैलकुलेटर | BMI कैलकुलेटर