बाल दिवस पूरे भारत में हर वर्ष 14 नवम्बर को मनाया जाता है.
इनके बारे में जानें:
बच्चों की खुशहाली उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. उनका मानसिक स्वास्थ्य दर्शाता है कि वे स्वयं को और शेष दुनिया को कैसे देखते हैं. यह उन्हें सामाजिक रूप से विकसित होने, स्पष्ट सोचने, और नए कौशल सीखने में मदद करता है.
वे तरीके जिनसे माता-पिता अपने बच्चों की मानसिक खुशहाली में योगदान दे सकते हैं
माता-पिता अपने बच्चों के सबसे बड़े चियरलीडर्स और सपोर्टर हो सकते हैं. आइए सावधानीपूर्वक उन तरीकों पर एक नज़र डालें जिनसे आपके बच्चे की मानसिक खुशहाली बेहतर हो सकती है.
- उन्हें सचेतन के बारे में बताएं, जो वर्तमान में रहने, विचारों को नियंत्रित करने और हर पल को जीने का एक अभ्यास है. सचेतन से दूर होगी बच्चों की चिंता, बेहतर होगा उनका आत्म-सम्मान और इसकी मदद से वे बेहतर निर्णय ले पाएंगे.
- अपने बच्चे को सकारात्मक फीडबैक दें. उनकी छोटी या महत्वपूर्ण उपलब्धियों को स्वीकार करने और सराहना करने से उनका हौसला बढ़ेगा और उन्हें लगेगा कि उन्हें सुना और समझा जाता है.
- अपने बच्चों के साथ अलग-अलग गतिविधियों में भाग लें, जैसे- किताबें पढ़ना, कोई शो एक साथ देखना, या गेम खेलना.
- जब वे बड़े हो रहे हों, तब उन्हें एक अच्छा और सकारात्मक माहौल प्रदान करें. सुनिश्चित करें कि उन्हें अच्छा पोषण मिलता हो और वे लेते हों 8-9 घंटों की पर्याप्त नींद, सोने से कम से कम एक घंटे पहले सभी टेक्नीकल डिवाइस को बंद कर दें, और उन्हें अपने दैनिक जीवन में एक व्यवस्थित दिनचर्या का पालन करना सिखाएं.
- किशोरावस्था उस चरण को कहते हैं, जब बच्चे या किशोर मूड के अनुसार व्यवहार करने लगते हैं. हालांकि, उन संकेतों पर ध्यान दें जो मानसिक परेशानी को दर्शाते हैं. कुछ संकेत हैं:- समाज से अलग-थलग रहना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, थकान और क्रोध, क्योंकि बच्चे अक्सर स्ट्रेस या डिप्रेशन को आक्रामक व्यवहार में छिपा लेते हैं.
- बच्चों के साथ कदम मिलाकर चलें. एक्सरसाइज़ के साथ ही, ज़रूरी है योग, या नृत्य में भी आप उनका साथ दें, ताकि वे शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से स्वस्थ रहें. ऐक्टिव रहने से स्ट्रेस हॉर्मोन कम होता है और एंडोर्फिन निकलता है. इससे शरीर की बनावट में भी सुधार होता है और चिंता और डिप्रेशन से निपटने में मदद मिलती है.
- अपने बच्चे की सृजनात्मकता को बढ़ावा दें. क्रिएटिव आर्ट आपके बच्चे की कल्पनाओं को उकेरने का शानदार तरीका है, जिसके माध्यम से वे खुद को अभिव्यक्त कर सकते हैं. कुछ सृजनात्मक गतिविधियों में गति आधारित अभिव्यक्ति, विजुअल आर्ट्स थेरेपी, म्यूजिक में भागीदारी, पेंटिंग, क्राफ्ट बनाना, और उन चीज़ों को लिखना शामिल हैं, जिनके लिए आप शुक्रगुजार हैं. इन गतिविधियों से मूड बेहतर होता है और मन खुश रहता है. साथ ही आप अपने बच्चों के साथ स्ट्रेस बॉल, डूडल बना सकते हैं और गहरी सांस लेने का अभ्यास कर सकते हैं, क्योंकि ये मानसिक समस्याओं से मुकाबला करने के स्वस्थ तरीके हैं.
- बच्चों को सपोर्ट करना उनकी समस्याओं को सुनने जितना आसान हो सकता है. यह प्यार जताने का एक तरीका है, जिससे ऑक्सीटोसिन निकल सकता है, जो अच्छा महसूस करवाने वाला हॉर्मोन है. ये न्यूरोकेमिकल्स गहरी शांति, भावनात्मक गर्मजोशी और संतुष्टि प्रदान कर सकते हैं. इससे बच्चे आपसे खुल कर संवाद कर सकेंगे और हर समस्या सबसे पहले आपको बताएंगे.
- बच्चों को प्रकृति की छांव प्रदान करें. उन्हें बाहर ले जाएं, धूप सेंकें, बागवानी करें या उनके साथ टहलें. बाहर जाने से उनका मूड बेहतर हो सकता है, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ सकती है और कम हो सकता है ब्लड प्रेशर. सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा ऐक्टिव रहे.
- उनके लिए समय निकालें और उन्हें परिवार से जोड़ें. दिन में कम से कम एक बार साथ भोजन करने से लेकर मूवी जाने तक, आपकी गर्मजोशी और प्यार भरे व्यवहार से उन्हें परिवार में जुड़ने और अच्छे संबंध बनाने में मदद मिल सकती है.
- आवश्यकता पड़ने पर प्रोफेशनल सहायता प्राप्त करें.
Implement the tips mentioned above to become a positive role model for your children and to care for their mental well-being. Stay active in the Activ Living Community to find more details on nutrition and fitness.