Benefits Of Curd_Activ Living Community

दैनिक आहार में दही लेने से आपको क्या लाभ होता है?

इनके बारे में जानें:

दही एक खाद्य पदार्थ है, जो भारतीय रसोई में आसानी से मिल सकती है. यह एक प्राकृतिक रूप से फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ है और सबसे आसानी से तैयार की जा सकने वाली डिश में से एक है, जिसे आप किसी भी भोजन के साथ खा सकते हैं. इसके साथ खास हो सकती है आपकी हर दिन रेसिपी. विशेष रूप से गर्मी के मौसम में दही गर्मी से निपटने और शरीर को ठंडा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

दही का उपयोग कैसे करते है?

Curd Recipes

दही वड़ा, कढ़ी, लस्सी, छाछ, दही चावल और पापड़ी चाट जैसी कई डिश में दही का इस्तेमाल किया जाता है. इसे टिक्के बनाते समय मैरिनेड के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. विभिन्न प्रकार के पराठों के लिए दही के रायते भी बनाए जाते हैं.

दही खाने का आदर्श समय क्या है?

The best time to eat curd is as a post-meal food or a part of the meals, which can boost their immunity and digestive health.

दही के क्या लाभ हैं?

Curd Benefits

Curd is a powerhouse of calcium, potassium, magnesium, and vitamins A, D, and B12. Curd benefits us in many ways. Take a look:

  • दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो आपके गट हेल्थ में सुधार करते हैं और आपके पाचन तंत्र की देखभाल करते हैं. आप इसे बेझिझक खा सकते हैं, विशेष रूप से जब खराब हो आपका पेट. दही इरिटेबल बाउल सिंड्रोम वाले लोगों में पेट के दर्द को भी कम कर सकती है.
  • दही हर दिन होने वाली वायु जनित बीमारियों से मुकाबला करके इम्यूनिटी को मजबूत करती है और हमें स्वस्थ रखती है.
  • क्योंकि दही कैल्शियम और पोटैशियम से भरपूर होती है, इसलिए यह मजबूत हड्डियों और दांतों के विकास में मदद करती है.
  • दही कॉर्टिसोल, या स्ट्रेस हॉर्मोन को आपके शरीर में जमा होने नहीं देती है. अत्यधिक कॉर्टिसोल हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, और मोटापा का कारण बन सकता है.
  • दही प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होती है, जो आपको लंबे समय तक तृप्त रखती है. इसलिए, यह आपको एक स्वस्थ बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बनाए रखने में मदद करती है, मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है, बेली फैट को कम करती है, और आपको बिंज ईटिंग करने से रोकती है.
  • Curd is also known to increase good cholesterol or high-density lipoprotein (HDL), thereby reducing the risk of heart disease.
  • दही में मौजूद मैग्नीशियम नियंत्रित करता है हाई ब्लड प्रेशर. दही में लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया होने के कारण, योनि का यीस्ट बैलेंस रीस्टोर हो जाता है.
  • महिलाओं में, दही खाने से होने वाले लाभ योनि के संक्रमण को रोक सकते हैं. संतुलित pH स्तर खुजली और योनि में होने वाली जलन को कम करता है.
  • वर्कआउट के बाद दही खाना अच्छा होता है और यह गर्मियों में एक ठंडक प्रदान करती है.
  • त्वचा के लिए दही के कई लाभ हैं. दही जमाने की प्रक्रिया में खाने योग्य अम्लीय पदार्थों का उपयोग किया जाता है, जैसे- सिरका या नींबू का रस. इन अम्लीय यौगिकों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा की विभिन्न समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं. हाइड्रेटेड त्वचा पाने के लिए, आप दही में नींबू का रस मिलाकर उसे 10 मिनट तक अपने चेहरे पर लगा कर रख सकते हैं. दही त्वचा को सौम्य तरीके से एक्सफोलिएट भी कर सकती है, जिसके कारण यह डार्क स्पॉट को ठीक करने के लिए एक प्राकृतिक उपाय है. दही में लैक्टिक एसिड की मौजूदगी डेड स्किन सेल्स को हटाती है और नई, स्वस्थ त्वचा कोशिकाओं को बनाने में सहायता करती है. आप दही के मिश्रण में शहद और खीरे को भी मिला सकते हैं.

लेकिन, दही के कुछ बुरे प्रभाव भी होते हैं:

  • क्या हम रात में दही खा सकते हैं? अगर आप इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं, तो हमारी सलाह है कि दही की जगह छाछ का विकल्प चुनें क्योंकि दही से म्यूकस पैदा हो सकता है जिससे खांसी या सर्दी हो सकती है.
  • अगर कमजोर पाचन से पीड़ित व्यक्ति रात में दही खाते हैं, तो उन्हें एसिडिटी हो सकती है.
  • दूध में लैक्टोज होता है, जो मीठा होता है. लेकिन जब इसे दही में बदला जाता है, तो लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया लैक्टोज को लैक्टिक एसिड में बदलता है, जो स्वाद में खट्टा होता है. इसलिए, गठिया या जोड़ों में दर्द के रोगियों को रोज़ दही नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे उनका दर्द बढ़ सकता है.

दही और योगर्ट के बीच अंतर

दही लैक्टिक-मिल्क फर्मेंटेशन का एक प्रोडक्ट है. इसे एक चरणबद्ध प्रक्रिया में दूध को गाढ़ा करके प्राप्त किया जाता है, जिसे दही जमाना कहते हैं. गर्म दूध में योगर्ट स्टार्टर मिलाएं और इसे कुछ घंटों तक फर्मेंट होने दें. दूध को उबालने से फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में दूध खराब नहीं होता. ध्यान रखें कि अगर दूध बहुत गर्म है, तो यह गाढ़ा हो सकता है और इसकी बनावट दानेदार हो सकती है, और अगर यह ठंडा है, तो दही बिलकुल भी नहीं जमेगी. बहते दूध की कंसिस्टेंसी धीरे-धीरे एक गाढ़ी गुलगुली बनावट में बदल जाएगी. इस बैक्टीरियल फर्मेंटेशन का अंतिम प्रोडक्ट दही को खट्टा स्वाद देता है.

योगर्ट को एक विशेष बैक्टीरिया डाल कर दूध के कमर्शियल फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है. इन दो डेयरी प्रोडक्ट के स्वास्थ्य लाभों में एकमात्र अंतर यह है कि ग्रीक योगर्ट में प्रोटीन की मात्रा दही की तुलना में दोगुनी होती है. इसलिए, जो लोग वजन मैनजेमेंट करना चाहते हैं, उन्हें अपनी प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्लेन ग्रीक योगर्ट का विकल्प चुनना चाहिए.

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