गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के साथ महिलाओं के शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं. अपने बच्चे को जन्म देने के बाद, माताएं अपने बच्चों की देखभाल में और भी ज़्यादा व्यस्त हो जाती हैं. अगर आप गर्भावस्था में बढ़े वज़न को कम करके फिर से शेप में आना चाहती हैं, किंतु संकोच कर रही हैं, तो डिलीवरी के बाद किए जाने वाले कुछ व्यायाम आपको गर्भावस्था से पहले के रूप में आने में मदद कर सकते हैं.
इनके बारे में जानें:
- पोस्टपार्टम (डिलीवरी के बाद के) व्यायाम क्या हैं?
- डिलीवरी के बाद के व्यायाम के प्रकार
- डिलीवरी के बाद के वर्कआउट के लाभ
- डिलीवरी के बाद के व्यायाम का महत्व
- डिलीवरी के बाद के व्यायाम कब शुरू करें?
पोस्टपार्टम (डिलीवरी के बाद के) व्यायाम क्या हैं?
जहां गर्भावस्था में किए जाने वाले व्यायाम बच्चे के जन्म की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आपके शरीर की बनावट में सुधार करते हैं, वहीं बच्चे के जन्म के बाद किए जाने वाले व्यायाम भी उतने ही ज़रूरी हैं क्योंकि वे प्रसव और डिलीवरी के बाद आपकी रिकवरी को तेज़ करते हैं और आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं. हालांकि, शारीरिक गतिविधियों के पीछे भागने से आपको फायदे से ज़्यादा नुकसान हो सकता है. इसलिए, बच्चे के जन्म के बाद अपनी दिनचर्या को आसान बनाने के लिए आपको छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए.
डिलीवरी के बाद के व्यायाम के प्रकार
जीवन के किसी भी चरण में व्यायाम आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होते हैं, और डिलीवरी के बाद इनका महत्व और भी बढ़ जाता है. डिलीवरी के बाद किए जा सकने वाले निम्नलिखित व्यायाम आपको फिट रहने में मदद कर सकते हैं.
- आप हल्के व्यायाम से शुरू कर सकती हैं, जैसे ब्रिस्क वॉक , जो एक आसान व्यायाम है और बच्चे के जन्म के कुछ घंटों के भीतर अगर आपको राहत महसूस हो, तो आप रक्त के थक्के जमने से रोकने के लिए इसे कर सकती हैं. आपको बस एक जोड़ी अच्छे जूते चाहिए होंगे. आप चाहें तो अपने बच्चे को साथ भी रख सकती हैं.
- लेटते समय या बैठते समय आप कीगल व्यायाम कर सकती हैं. सबसे पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपका ब्लैडर खाली है. फिर, अपने पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को 3-5 सेकेंड तक सख्त करें और फिर अगले 3-5 सेकेंड तक उन्हें ढीला छोड़ दें. इसे 10 दोहराव के साथ एक दिन में तीन बार करें.
- आप कर सकती हैं आसान डायफ्रामिक ब्रीदिंग जिसके लिए आपको एक एक्सरसाइज़ बॉल या कुर्सी पर बैठना होगा. एक हाथ अपनी पसलियों पर रखें और दूसरा हाथ अपने पेट के निचले हिस्से पर रखें. अब नाक के माध्यम से सांस अंदर खींचें और इसे मुंह से छोड़ दें.
- The cat-cow stretch is a beginner yoga move that you can include in your postpartum workout plan. It strengthens your core, reduces back pain, and boosts spine mobility. Get on all fours keeping your back straight, with your hands underneath your shoulders and knees under your hips. When you inhale, round your back towards the ceiling, and when you exhale, arch your back and move your head towards the sky.
- स्टैंडर्ड प्लैंक होल्ड आपके ग्लूट्स के लिए सहायक हो सकता है. पेट के बल होकर लेट जाएं, अपने हाथों के अगले हिस्सों को फर्श पर और कोहनी को कंधों के नीचे रखें. अपने कोर और पेट को पैरों की उंगलियों के साथ उठाते हुए प्लैंक की पोजीशन में आएं. आराम से सांस लें और 30 सेकेंड तक इस पोजीशन में बने रहने की कोशिश करें.
- साइड प्लैंक लेग लिफ्ट में आपके ग्लूट्स, ऑब्लिक्स और कुछ हद तक कंधों का व्यायाम होता है. पेट के बल लेट जाएं, अपने हाथों के अगले हिस्सों को फर्श पर रखें, कोहनी को कंधों के नीचे लाएं और पैरों के अंगूठों के बल शरीर को उठाएं. अब एक हाथ के बल पर आएं और किसी एक तरफ घूम जाएं. ऊपर के पैर को 20 से 30 सेकेंड तक उठाएं और हर तरफ से इस व्यायाम के 1 से 2 सेट करें.
डिलीवरी के बाद के वर्कआउट के लाभ
- Regularly participating in aerobics can improve cardiovascular fitness and help in weight management.
- कोर के लिए किए जाने वाले व्यायाम रेक्टस मांसपेशियों (एब्डोमेन के बीच में मिलने वाली मांसपेशियों के समानांतर बैंड) के बीच के अंतराल को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के लिए जगह बनाने के लिए अलग हो जाती हैं.
- व्यायाम से आपको अपनी खोई हुई क्षमता वापस पाने और गर्भावस्था के दौरान फैलने वाली मांसपेशियों को फिर से शेप में लाने में मदद मिलती है.
- हर दिन व्यायाम करने से आपका मूड बेहतर हो सकता है, और कम हो सकता है डिलीवरी के बाद का डिप्रेशन और स्ट्रेस.
- अपने शेप में वापस आने से आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है.
डिलीवरी के बाद के व्यायाम का महत्व
- व्यायाम, जैसे- ब्रिज, क्लैमशेल, डेडलिफ्ट, लंज और स्क्वाट में आपके ग्लूट्स और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां शामिल होती है, जो गर्भाशय, योनि, गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) और अन्य अंगों को होल्ड करती हैं और पेशाब को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. जहां पेल्विक टिल्ट आपकी पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, वहीं कीगल व्यायाम और हैप्पी बेबी पोज आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं.
- डायफ्रामिक ब्रीदिंग एब्स को मजबूत बनाता है, जिससे आपको अपने श्वसन को अपने समूचे कोर के साथ फिर से समन्वित करने में मदद मिलती है और यह चलने-फिरने के दौरान आपकी रीढ़ और पेल्विस को स्थिरता प्रदान करता है.
- डिलीवरी के बाद पेट के लिए किए जाने वाले व्यायाम आपको उस क्षेत्र में बेबी फैट कम करने में मदद करते हैं.
- पीठ को मजबूत बनाने के लिए डिलीवरी के बाद के अपने वर्कआउट में अपर-बॉडी व्यायाम शामिल करें. बच्चे को दूध पिलाने और उठाने या बच्चे को गोद में कहीं ले जाने के लिए पीठ का मजबूत होना ज़रूरी है. इसलिए, दर्द और चोटों से बचने के लिए इसे मजबूत करने की कोशिश करें. आप पीठ के लिए घर पर ही किए जा सकने वाले कुछ व्यायामों, जैसे - 'सिंगल-आर्म ओवरहेड प्रेस और रो' आदि को शामिल कर सकती हैं.
डिलीवरी के बाद के व्यायाम कब शुरू करें?
आपको डिलीवरी के बाद कम से कम छः हफ़्तों तक बहुत ज़्यादा ताकत वाले, उच्च प्रभाव वाले, या स्ट्रेंथ – ट्रेनिंग वाले व्यायाम नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान आपकी कोर एब्डोमिनल मांसपेशियों और पीठ के निचले भाग में पहले जितनी ताकत नहीं होती और आपके लिगामेंट व जॉइंट्स अधिक लचीले होते हैं. परिणामस्वरूप, चोट लगने का जोखिम बहुत ज़्यादा होता है. इसलिए, डिलीवरी के बाद के व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की अनुमति अवश्य लें. सीजेरियन डिलीवरी वाली महिलाओं को कठिनाई या जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, और उन्हें अपने फिटनेस शिड्यूल पर वापस आने में औरों की तुलना में ज़्यादा समय लग सकता है.
पहले छः हफ़्तों के दौरान भारी चीज़ें उठाकर अपने निचले एब्डोमेन पर दबाव न डालें. अपनी मांसपेशियों को ठीक होने के लिए कुछ समय दें.
ऐक्टिव रहकर, ऐक्टिव लिविंग कम्युनिटी से जुड़े रहें, और नई जानकारी के साथ, बेहतर बनाएं अपना पोषण और लाइफस्टाइल.