हर दिन की भागदौड़ और कई गतिविधियों के बीच, हमारा मानसिक स्वास्थ्य कहीं पीछे छूट जाता है. लगातार स्ट्रेस के साथ, जॉब बर्नआउट अपने उच्चतम स्तर पर है.
इनके बारे में जानें:
- मानसिक स्वास्थ्य क्या है?
- मेंटल हेल्थ डे क्या है?
- वे संकेत जो बताते हैं कि आपको मेंटल हेल्थ डे की आवश्यकता है
- स्ट्रेस को कैसे दूर करें और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्राथमिकता दें?
मानसिक स्वास्थ्य क्या है?
मानसिक स्वास्थ्य हमारे मन की एक अवस्था है, जिसमें भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक, और सामाजिक नज़रिया शामिल हैं. यह हमारी संज्ञानात्मक प्रतिक्रियाओं, धारणाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है. यह दर्शाता है कि व्यक्ति किस प्रकार अपने स्ट्रेस और संबंधों को संभालते हैं और निर्णय लेते हैं.
मेंटल हेल्थ डे क्या है?
Mental health days are different from sick leaves. They are simply some time away from anything work-related, and you can use this time to rejuvenate yourself or engage in self-care. Dedicate this time to partake in activities that interest you. This time and space can recharge your mental batteries and help you avoid stress-related health issues that hinder productivity and happiness in your job.
वे संकेत जो बताते हैं कि आपको मेंटल हेल्थ डे की आवश्यकता है
You can take a mental health day to relax and cope with daily stressors. An unstructured day, free from bottleneck deadlines to meet or targets to achieve, can give you a much-needed break from your usual hectic day, which can also trigger other mental health issues.
अगर आप सोच रहे हैं कि मेंटल हेल्थ डे कब लेना चाहिए, तो यहां उन संकेतों की एक सूची दी गई है, जो दर्शाते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए आपको एक दिन का ब्रेक लेने की आवश्यकता है:
- थका हुआ और सुस्त महसूस करना: अधिक काम करने और स्ट्रेस के कारण आपकी एनर्जी समाप्त हो जाती है, जो थकान और सुस्ती का कारण बनती है.
- उत्साह नहीं होना: काम को लगातार टालना या अपनी पसंदीदा गतिविधियों को भी करने का मन नहीं होना दर्शाता है कि आप हतोत्साहित हैं.
- अक्सर बीमार होना: मन और शरीर आपस में जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. उदाहरण के लिए, लंबे समय तक स्ट्रेस होने से प्रभावित हो सकता है आपका इम्यून सिस्टम. हम अपने दैनिक जीवन में शारीरिक दबाव और तनाव को महसूस कर लेते हैं, लेकिन भावनात्मक और मानसिक दबाव पर अक्सर ध्यान नहीं जाता. अगर आप लगातार बीमार पड़ रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको कुछ समय का ब्रेक लेने की आवश्यकता हो.
- क्रॉनिक स्ट्रेस: इससे डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है, प्लाक जमा हो सकता है, ह्रदयरोग, और साथ ही हिस्टामिन रिलीज़ होने की समस्या हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप एलर्जी और अस्थमा संबंधी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न होती हैं और अल्सर की समस्या होती है.
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी: जब आपका मन अशांत होता है, तो आप अपने वर्कप्लेस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते. इसके परिणामस्वरूप, क्रॉनिक स्ट्रेस हो सकता है, जो कई क्रॉनिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिनमें कार्डियोवैस्कुलर जटिलताएं, मस्क्यूलोस्केलेटल स्थितियां या मनोवैज्ञानिक समस्याएं शामिल हैं.
- नींद की कमी और खराब पोषण सबसे स्पष्ट लेकिन अक्सर नज़रअंदाज़ किए जाने वाले संकेत हैं, जो यह बताते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए ब्रेक लेने का समय आ गया है. अनिद्रा के कारण स्ट्रेस भी हो सकता है.
- जल्दी गुस्सा आना: अगर आप सामान्य प्रतीत होने वाली चीज़ों पर भी गुस्सा करने लगे हैं, तो आराम करने के लिए एक दिन की छुट्टी लें ताकि आपके व्यक्तिगत या प्रोफेशनल रिश्ते न बिगड़ें.
- Pursue unhealthy habits: Many individuals turn to unhealthy stress-eating habits when stressed. While some overeat their comfort food, which can potentially lead to obesity, diabetes, or cholesterol, others may skip entire meals, which can weaken your immune system. People also fall into the unhealthy habit of smoking and consuming alcohol to relieve stress, which is detrimental to the body.
- काम पर जाने को लेकर चिंता और भय होना भी दर्शाता है कि आपको ऑफिस से कुछ समय का ब्रेक लेना चाहिए. अपने सहकर्मियों, दोस्तों या परिवार से दूरी भी इसमें योगदान दे सकती है.
स्ट्रेस को कैसे दूर करें और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्राथमिकता दें?
यहां उन तरीकों की सूची दी गई है जिनकी सहायता से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:
- जब दबाव बहुत ज़्यादा हो जाए, तो मदद मांगने में संकोच न करें.
- खुद के लिए, पूरे हो सकने वाले लक्ष्य ही निर्धारित करें, और अपनी क्षमता से ज़्यादा का वादा न करें, क्योंकि आप अनावश्यक दबाव में आ जाएंगे.
- खुद को स्वस्थ रखने और अपने भीतर ऊर्जा का संचार करने के लिए 7-8 घंटों की पर्याप्त नींद लें. इससे आपका मूड बेहतर होगा और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी.
- भावनाओं में बह कर लोगों को कुछ कह देने से बेहतर है अपनी भावनाओं को डायरी में लिखना.
- क्रिएटिव गतिविधियों में भाग लें, जो आपके मन को हल्का करने में मदद कर सकती हैं. इन गतिविधियों में पेंटिंग करना, यात्रा, बागवानी, संगीत सुनना या लिखना शामिल हैं.
- शांतिदायक माहौल तैयार करने के लिए घर की सफाई करें, इससे आपका मन भी शांत हो सकता है. प्राकृतिक रौशनी घर में आने दें या बाहर धूप सेकें. साफ-सफाई का चिकित्सकीय पहलू भी है, क्योंकि इससे आपके मन और घर दोनों की गंदगी बाहर निकल जाती है.
- घर से बाहर भी कुछ वक्त बिताएं, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए प्राकृतिक औषधि का काम कर सकता है. उदाहरण के लिए, कुछ दूर टहलने, जॉगिंग करने या दौड़ने या आस-पड़ोस में अपने कुत्ते को टहलाने से स्ट्रेस या एंग्जायटी को कम करने में मदद मिल सकती है.
- दिन की प्रोडक्टिव शुरुआत करने के लिए सुबह एक्सरसाइज़ करें.
- करें योग या सचेतनपूर्ण मेडिटेशन जिनसे शांत होंगे विचार और बेहतर होगा दिन.
- Consume nutritious, healthy, balanced meals rich in proteins, vitamins, and minerals.
- धूम्रपान करने या शराब पीने से बचें.
ऐक्टिव रहकर, ऐक्टिव लिविंग कम्युनिटी से जुड़े रहें, और नई जानकारी के साथ, बेहतर बनाएं अपना लाइफस्टाइल और फिटनेस.